ईरान की राजनीति में 1981 से यह रवायत सी है कि जो भी राष्ट्रपति सत्ता में रहा है दूसरी बार शासन के वास्ते जनता उसे ही वोट देती है । ईरान के 12 वें राष्ट्रपति का यह चुनाव रोचक भी है क्योंकि मतदान के मद्देनजर भारत में रह रहे ईरानियों के वास्ते 9 पोलिंग स्टेशन बनायें गए थे, जिसमें नई दिल्ली समेत मैसूर, बंगलोर आदि थे । उनके इस जीत पर जिस तरह से भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भेजा संदेश ईरानी मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा । पीएम नरेंद्र मोदी साहब ने फारसी और अंग्रेज़ी में लगातार तीन ट्वीट किये और दोनों देशों के बीच विशिष्ट सम्बन्धों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया । मोदी साहब के रूहानी ट्वीट सेे राजनीतिक गलियारों में दोनों देशों के बीच मित्रता का जहां समावेश होगा वहीं 'पैराडाइम शिफ्ट' से दोनों देश काफी करीब हो जाएंगे !
'मोदी साहब का रूहानी प्रेम'
ईरान की राजनीति में 1981 से यह रवायत सी है कि जो भी राष्ट्रपति सत्ता में रहा है दूसरी बार शासन के वास्ते जनता उसे ही वोट देती है । ईरान के 12 वें राष्ट्रपति का यह चुनाव रोचक भी है क्योंकि मतदान के मद्देनजर भारत में रह रहे ईरानियों के वास्ते 9 पोलिंग स्टेशन बनायें गए थे, जिसमें नई दिल्ली समेत मैसूर, बंगलोर आदि थे । उनके इस जीत पर जिस तरह से भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भेजा संदेश ईरानी मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा । पीएम नरेंद्र मोदी साहब ने फारसी और अंग्रेज़ी में लगातार तीन ट्वीट किये और दोनों देशों के बीच विशिष्ट सम्बन्धों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया । मोदी साहब के रूहानी ट्वीट सेे राजनीतिक गलियारों में दोनों देशों के बीच मित्रता का जहां समावेश होगा वहीं 'पैराडाइम शिफ्ट' से दोनों देश काफी करीब हो जाएंगे !
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