ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी बिजली आपूर्ति 5 घंटे से ज्यादा नहीं है । इन 5 घंटों में 1 घंटा ही लगातार है, शेष में यानी 24 घंटों में दिए गए बिजली आपूर्ति का मिनट (समय) जोड़-जोड़कर ही 4 घंटे पूरा होते हैं । हमारे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बिल की सुविधा भी नियमित नहीं है । इंटरनेट से और हाथों-हाथ जमा करने के बीच प्रायः बिजली बिल गड़बड़ ही आ जाया करती हैं । पौने तीन सौ रुपये के करीब फिक्स्ड बिजली बिल मासिक है । चूँकि मीटर सरकारी स्तर पर लगाए जाने हैं, जो अबतक नहीं हो पाया है । ऐसे में अप्रैल माह से बिजली दरों में सरकार द्वारा अप्रत्याशित वृद्धि किया जाना, कतई उचित नहीं है । बिहार सरकार को ग्रामीण क्षेत्र के आम जनता को ध्यान में रखकर ही बिजली दर को निर्धारित किया जाना चाहिए ।
0 comments:
Post a Comment