ताड़, ख़जूर, महुआ इत्यादि से निकले देशी दारू, ताड़ी आदि सहित सभी तरह के शराब के उत्पाद, क्रय, विक्रय और पीने-पिलाने पर पूरे राज्य में पूर्ण प्रतिबंध के बाद पासी भाइयों के लिए अकस्मात आई पेशागत बेरोजगारी तथा राज्य में बहुसंख्या में लगे ताड़, ख़जूर आदि से अन्य उत्पादों को लेकर बिहार सरकार ने विकल्प के तौर पर ऐसे पेड़ों से तैयार नशामुक्त पेय-पदार्थ 'नीरा' की खोज की और उसपर शोध के लिए विशेषज्ञों को तमिलनाडु आदि राज्यों को भेजे गए । उन्हीं के परिणामस्वरूप 'नीरा' आज बाज़ार में है । नीरा को कोल्ड ड्रिंक का देशी वर्जन कहा जा रहा है, जो कि यह कोल्ड ड्रिंक का स्थान भी ले सकता है, तो कालांतर में शादी-विवाह और अन्य समारोहों में भी इसे व्यवहार में लाये जा सकेंगे । फिर तो 'नीरा' भी बिहार के लिए एक ब्रांड बन जायेगा और इनका निर्माण तब औद्योगिक रूप धर लेगा । जिससे हमारा राज्य भी तब उद्योग के मामले में खूब आगे बढ़ सकेगा ।
0 comments:
Post a Comment